MSME क्या है? चर्चा में क्यो और इसकी नई परिभाषा- सम्पूर्ण जानकारी

Full form of MSME :- 

Micro,Small & Medium Enterprises 

MSME , निवेश के लिए छोटे आकार की एक संस्था है, जिसमे कुशल और अकुशल व्यापारी होते है. 
जो बड़ी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार के अवसर प्रदान करके भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अपनी अच्छी भूमिका निभाते है. 
ये निर्यात के क्षेत्र में योगदान, निर्माण क्षेत्र को बढ़ाना और कच्चे माल, बुनियादी सामान आपूर्ति के द्वारा बड़े उद्योगों को समर्थन प्रदान करते है. 
Micro,Small & Medium Enterprises

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास बिल- 2005 (जो 12 मई, 2005 को संसद में प्रस्तुत किया गया था) को राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृति दे दी गई है और इस प्रकार एक अधिनियम बन गया था. इस अधिनियम को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 के रूप में नामित किया गया है.

MSME का भारत में योगदान:-

  1. वे पिछले पांच दशक से भारत में जीवंत रूप से कार्य कर रही है क्योंकि यह कई बार देश को आर्थिक मंदी होने से बचाया है।
  2. भारत की अर्थव्यवस्था में MSME प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष निर्यात में 45%  का हिस्सा है।
  3. इस समय भारत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र की लगभग 36.1 मिलियन इकाइयाँ लगी हुई हैं.
  4. वर्तमान में MSMEs ने भारत में 120 millions लोगों को रोजगार दिलाया हुआ है.
  5. MSME, भारत के विनिर्माण-सकल घरेलू उत्पाद में 6.11% का योगदान देते हैं,। जबकि सेवा क्षेत्र से मिलने वाले जीडीपी में 25% का योगदान एमएसएमई देता है ।
  6. देश के सकल घरेलू उत्पाद में इस क्षेत्र का योगदान लगभग 8% का है.
  7. MSMEs की बहुत सी इकाइयाँ ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्थित है जिसके कारण गावों से शहरों की ओर व्यक्तियों का जाना रुका है जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हुई है।

अब आइए जानते हैं कि एमएसपी में अर्थात सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम में कौन-कौन से आते हैं

MSME की पुरानी परिभाषा:-

इसकी परिभाषा 2006 में परिवर्तन पहली बार 2018 में केंद्रीय कैबिनेट मंत्री के बैठक में हुआ था
सूक्ष्मलघु और मध्यम उद्यम की  पुरानी परिभाषा,2018

                                     विनिर्माण क्षेत्र     
 सूक्ष्म उद्योग
 सालाना टर्न ओवर रु. 5 करोड़ से कम
 लघु उद्योग
 सालाना टर्न ओवर रु. 5 करोड़ से 75 करोड़ के बीच
 मध्यम उद्योग
 सालाना टर्न ओवर रु. 75 करोड़ से 250 करोड़ के बीच
   सेवा क्षेत्र
 सूक्ष्म उद्योग
 सालाना टर्न ओवर रु. 5 करोड़ से कम
 लघु उद्योग
 सालाना टर्न ओवर रु. 5 करोड़ से 75 करोड़ के बीच
 मध्यम उद्योग
 सालाना टर्न ओवर रु. 75 करोड़ से 250 करोड़ के बीच


MSME की नई परिभाषा 2020:-

इस समय करोना महामारी के  देखते हुए एमएसएमई की परिभाषा में कुछ बदलाव किए गए हैं  जिससे अर्थव्यवस्था की गति मिल सके इसमें विनिर्माण क्षेत्र का और सेवा क्षेत्र को एक ही जगह शामिल कर दिया गया है।
वर्गीकरण 
सूक्ष्म उद्योग
लघु उद्योग
माध्यम उद्योग
विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र
निवेश 1 करोड़ से कम &
टर्नओवर 5 करोड़ से कम  
निवेश 10 करोड़ से कम &
टर्नओवर  50 करोड़ से कम
निवेश 20 करोड़ से कम &
टर्नओवर  100 करोड़ से कम


Comments

  1. Thanks for sharing the information with us.

    Click here to get registered: MSME registration online

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