अम्फान चक्रवात - बनने के कारण, नामकरण क्यों? चक्रवात में इतनी ऊर्जा कैसे? AMPHAN CYCLONE in hindi
अम्फान चक्रवात 2020 में भारत के बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवात का नाम दिया गया अम्फान तूफान आनेवाले दिनों में कितना घातक रूप ले सकता है इसका अंदाजा इसकी रफ्तार से लगाएं। बताया जा रहा है कि 19 मई तक इसकी रफ्तार 200 किलोमीटर प्रति घंटा की हो सकती है।
निम्नलिखित बात जो जानना बेहद जरूरी है:-
रोचक बात यह है कि भूमध्य रेखा से ऊपर बनने वाले चक्रवात, घड़ी की विपरीत दिशा में घूमते हैं वहीं भूमध्य रेखा से नीचे बनने वाले चक्रवात घड़ी की दिशा में घूमते हैं। इसकी वजह पृथ्वी का अपनी धुरी पर घूमना है।
विज्ञान में इनका नाम उष्णकटिबंधीय चक्रवात है (TROPICAL CYCLONE) फिर भी इसके दो नाम हैं।
जो अटलांटिक या पूर्वी प्रशांत महसागर से उठते हैं उन्हें हरिकेन (तूफान) कहा जाता है और हिन्द महासागर से उठने वाले चक्रवातों को चक्रवात के नाम से ही बुलाया जाता है।
कहां से आया साइक्लोन शब्द:-
'साइक्लोन शब्द ग्रीक शब्द' साइक्लोस से लिया गया है जिसका अर्थ है सांप का जमाव। चक्रवात एक कम दबाव वाले क्षेत्र के आसपास वायुमंडलीय गड़बड़ी द्वारा निर्मित होते हैं। चक्रवात आमतौर पर हिंसक तूफान और गंभीर मौसम की स्थिति के साथ होते हैं। उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक गहरे निम्न दबाव वाला क्षेत्र है।
क्यों दिया जाता है नाम :-
यदि एक चक्रवात की गति 34 समुद्री मील प्रति घंटे से अधिक है तो इसे एक विशेष नाम देना आवश्यक हो जाता है। यदि तूफान की हवा की गति 74 मील प्रति घंटे तक पहुंचती है या पार हो जाती है, तो इसे तूफान / चक्रवात / तूफान में वर्गीकृत किया जाता है।
हिंद महासागर के 8 देश जिनमें बांग्लादेश, भारत ,मालदीव, मायनेमार, ओमान ,पाकिस्तान ,श्रीलंका और थाईलैंड शामिल है एक साथ मिलकर आने वाले चक बातों का नाम तय करते हैं
दरअसल अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में आने वाले समुद्री तूफानों के नाम रखने का सिलसिला 2004 में ही शुरू हुआ था। नामकरण की इस प्रक्रिया के लिए एक सूची बनाई गई। इस सूची में आठ देशों को शामिल किया गया।
जब जिस देश का नंबर आता है तो उस देश की सूची में दिए गए नाम के आधार पर उस तूफान का नामकरण कर दिया जाता है।
हर देश ने आठ नाम पहले ही दे दिए हैं। इस तरह कुल 64 नाम पहले से तय किए गए हैं। इस बार चक्रवाती तूफान के नामकरण की बारी थाईलैंड की थी। थाईलैंड ने इसका नाम अम्फान रखा है। इसी वजह से इसे अम्फान चक्रवाती तूफान कहा जा रहा है।
कैसे मचाता है ये तबाही:-
चक्रवात अपनी ऊर्जा समुद्र से ग्रहण करता है और फिर पृथ्वी की ओर लपकता है। जब यह पृथ्वी की ओर बढ़ता है उस वक्त यह अपने प्रचंड वेग और ऊर्जा के साथ 150 से 250 किमी के वेग से जब पृथ्वी की सतह से टकराता है तो भीषण आंधी और तूफान के साथ धरती पर तबाही मचा देता है
ईंधन की तरह काम करती हैं गरम और नम हवाएं
बढ़े तापमान से समुद्र की सतह भाप में परिवर्तित होती है और यह भाप एक भंवर या बवंडर के रूप में सीधे आकाश की ओर रुख करती है। इस बवंडर से समुद्र की सतह पर कम दबाव का क्षेत्र बनता है जिससे वाष्पीकरण की प्रक्रिया और तेज हो जाती है। हवा गरम होकर जैसे ही ऊपर उठती है आस-पास की ठंडी हवा खाली जगह भरने को आ जाती है। यह हवा भी गरम हो जाती है और अपने साथ पानी लेकर ऊपर उठती है। इस तरह लगातार ऊपर उठती हवाएं पानी के बादलों का कुंडली की तरह एक वृत्त बना लेती हैं जो एक चक्र की तरह घूमने लगता है। इस तरह बने ये चक्रवात एक बड़े इंजन की तरह होते हैं जिनके लिए गरम और नम हवाएँ ईंधन का काम करती है।
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