Election process in america
द इलेक्शन प्रोसेस इन अमेरिका
वहां पर राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष तरीके से होता है
राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया
इलेक्ट्रोल कॉलेज अर्थात भारत के संदर्भ में निर्वाचक मंडल अर्थात एमपी की तरह
अमेरिका में नागरिक इलेक्ट्रोल कॉलेज को चुनते हैं जैसे भारत के प्रधानमंत्री के चुनाव के लिए लोग सांसद को चुनते हैं और फिर सांसद मिलकर देश के प्रधान को चुनते हैं।
चुनावी प्रक्रिया:- 2020 को ध्यान में रखकर
स्टेप1
मई/जून/जुलाई इस महीने में वहां पर इंटेंशन अनाउंसमेंट होता है इसमें जो अमेरिका के राष्ट्रपति बनना चाहते हैं वह अपना इरादा प्रकट करते हैं और इसकी संख्या भी लगभग 50 की मात्रा में होती है
स्टेप2:-
यह प्रक्रिया जून 2019 से शुरू होकर के जून 2020 तक संपन्न हो जाती हैं इसमें दो तरह के होते हैं पहला प्राइमरी और दूसरा क्वेश्चन इसमें होता क्या है कि primaries में स्टेट तय करते हैं कि हमारी राष्ट्रपति के प्रतिनिधि कौन होगा औरcaucuses में पार्टी तय करती है कि हमारे राष्ट्रपति का उम्मीदवार अर्थात प्रतिनिधि हमारे क्षेत्र से कौन चुने जाएंगे और यह दोनों मिलकर प्रेसिडेंशियल नॉमिनी कन्वेंशन करते हैं।
जुलाई से सितंबर 2020 के महीने में वहां से प्रेसिडेंशियल नॉमिनेशन कन्वेंशन होता है इसमें सभी महत्वपूर्ण पार्टी भाग लेते हैं इसमें विभिन्न राज्यों से आए हैं भेजे गए अर्थात चुने गए प्रतिनिधि आते हैं जो चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं सब इसमें से भी जो आत्मविश्वास दिखाते हैं अर्थात जो राजी होते हैं कि हम चुनाव लड़ेंगे तथा उनको पार्टियों के बाहर के राष्ट्रपति के चुनाव के लिए टिकट मिल जाता है अब चुनाव उम्मीदवार एक्सेप्टेंस स्पीच देते हैं।
प्रचार समय
यह अंतिम सितंबर से पहले वीक नंबर तक के बीच में होता है जिसको प्रचार समय बोलते हैं।
इलेक्शन डे
वहां पर इस बात का तय किया गया है कि चुनाव इसी मंथ का गत नवंबर मंथ के पहले सोमवार के बाद वाले मंगलवार को यह हमेशा हर साल 2 से 8 नवंबर के बीच ही पड़ता है
इलेक्शन देखें इस चुनाव के पहले कंपेन चलते हैं पार्टियों के बीच अर्थात इसमें प्रेसीडेंशियल डिबेट होते हैं इसका उद्देश्य जनता को राष्ट्रपति के बारे में जानने और समझने में सहूलियत मिलती है कि उसका राष्ट्रपति का आगे उद्देश्य क्या है और क्या करेंगे इसमें समानता अमेरिकी राष्ट्रपति के तीन और उपराष्ट्रपति के एक डिबेट करते हैं और ए मुख्यता वहां पर दोनों प्रमुख पार्टियां अर्थात रिपब्लिकन पार्टी और डेमोक्रेटिक पार्टी ने किया करती हैं इसके बाद इस डिबेट पर कुछ सोशल वर्कर या सोशल मीडिया के लोग इसको विश्लेषण करते हैं लोगों के साथ मिलकर और वही सोशल लोग ही तय करते हैं या डिबेट कौन हारा कौन जीता और ऐसे ही होता है इसमें कोई लेना देना नहीं हैलेकिन यदि डिबेट जनता के लिए काफी इंपोर्टेंट है क्योंकि वह इसी में अपने राष्ट्रपति के प्रभाव को समझते हैं।
वहां पर इसे चुनाव के दौरान राज्य को अपने अपने पार्टी अपने अपने जीत के अनुसार बाकी हुए जाती है इसमें देखा जाए तो तीन तरह के राज्य का वर्ग बटा हुआ रहता है साला आता है रियल एस्टेट और ब्लू स्टेट इनको से स्टेट का आ जाता है यहां पर तय होता है कि कोई भी पार्टी एक खास एक गेट से हमेशा जीतेगी जैसे रियल एस्टेट से हमेशा रिपब्लिकन पार्टी सभी जीते जीत जाती है तो दूसरी तरफ ब्लू एस्टेट से हमेशा डेमोक्रेटिक पार्टी वाले लोग जाते हैं तीसरे स्टेट है स्टेटपर्पल एस्टेट इसको स्विंग एस्टेट या फिर बैटलग्राउंड स्टेट भी बोलते हैं यहां पर लोग डाउट में रहते हैं कंफ्यूजन में रहते हैं कि वह किस को वोट दें और किसको वोट नहीं दें और यहीं पर पार्टी के लोग ध्यान लगाते हैं क्योंकि यही वह स्टेट है जो अपने राष्ट्रपति के चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं अर्थात इस सिंह स्टेट का बोर्ड जिस पार्टी की तरफ झुक जाएगा जिस पार्टी को मिल जाएगा वहीं आगे राष्ट्रपति बनेगा इन सबके कैटेगरी में आता है जॉर्जिया जैसे प्रांत
ELection day नवंबर में
यहां पर इलेक्शन डे नवंबर में होती हैं इसी दिन वोट डाले जाते हैं इसमें ले सेंटर में लेजिसलेटिव और एग्जीक्यूटिव और स्टेट में भी लेजिसलेटिव और एग्जीक्यूटिव होते हैं सेंटर के लेजिसलेटिव में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स जिससे भारत के संदर्भ में लोकसभा कहा जा सकता है इसके कार्यकाल 2 वर्षों का होता है और इसमें 435 सदस्य होते हैं आबादी के अनुपात के अनुसार और इनका चुनाव प्रत्येक 2 साल पर होता है दूसरी तरफ ले जिससे जीप का एक भाग सीनेट होता है जिसमें राज्यसभा भारत के तौर पर इसमें 100 सदस्य होते हैं अर्थात अमेरिका में प्रत्येक राज्य से दो उम्मीदवार सीनेट में आते हैं इनमें प्रत्येक व्यक्ति का कार्य 2 वर्षों के लिए होता है यह हमेशा अस्थाई होता है इसके 2 वर्षों पर एक वाटर इन सदस्यों को हटाना पड़ता है और इसके चुनाव प्रत्येक 2 वर्ष पर एक बटा तीन सदस्यों का होता है
सेंटर के ही एग्जीक्यूटिव में प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट आते हैं जिनका चुनाव 4 साल पर होता है और उनका एक एक फिट होता है।
स्टेट के लेजिसलेटिव में भी हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव्स एंड हाउस ऑफ कॉमन 28 मिनट होते हैं जबकि स्टेट के एग्जीक्यूटिव में गवर्नर और लेफ्टिनेंट गवर्नर होते हैं इन सभी का चुनाव होता है इलेक्शन डे के दिन जो नंबर में पड़ता है।
Election day
3nov2020 स्किन अमेरिका में 4 तरह के फोटो आएंगे अर्थात 4 सीटों के लिए 4 जगहों के लिए फोटो ते हैं अर्थात वहां पर जब एक व्यक्ति वोट डालने जाता है तो कई कई तरीके से वोट में दाल के आते हैं जैसे इसी दिन हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव्स का चुनाव होता है सीनेट की 1 बटा 3 सदस्य चुने जाते हैं राष्ट्रपति चुने जाते हैं उपराष्ट्रपति चुने जाते हैं और साथ हीसाथ में 11 प्रांतों का चुनाव इस दिन दिन हो जाता है
फिर अगले साल यही इलेक्शन डे नवंबर में आएगा जो पहले मंगलवार के बाद वाले मंगलवार को होगा इस दिन मान लिया जाए अगले साल 8 नवंबर 2022 को पड़ेगा 2 साल पर इस दिन हाउस आफ रिप्रेजेंटेटिव्स का चुनाव होगा सीनेट की फिर अगले 1 बटा 3 सदस्य चुने जाएंगे और साथ ही साथ उन 40 राज्यों के प्रांतीय चुनाव हो जाएंगे
फिर अगले 2 साल पर राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति और हाउस ऑफ कॉमन इन लोगों का फिर चुनाव होगा क्योंकि इनलोगों का वैलिडिटी फूल रहा है।
वहां पर अमेरिका में हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में टोटल 653 538 सदस्य के लिए चुनाव होते हैं इनमें से राष्ट्रपति बनने के लिए बहुमत 270 की आवश्यकता होती है इनमें से जो पार्टी 270 सीटें जीत जानते हैं उनको बना दिया जाता है अगर वहां पर किसी एक पार्टी को 270 नहीं पूरा आधा तू आ बैठ गया किसी किसी 34 पार्टी में तो उसके बाद होता क्या है वहां पर सीनेट जो है हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव काम करता है और फिर से एक कंटिजेंट इलेक्शन करवाता है उसी समय जिसमें सबसे टॉप 3 हाईएस्ट कैंडिडेट को चुनाव कराए जाते हैं और प्रत्येक राज्य अपना-अपना एक उनको देते हैं अर्थात यह तीन उम्मीदवारों के बीच क्या 50 मतदाता हैं पाए जाते हैं और भी किसी एक पार्टी को 26 से अधिक मिलते हैं तो वह राष्ट्रपति उम्मीदवार होगा अगर ऐसा नहीं हो पाता है कि किसी एक पार्टी को 26 से अधिक राज्य समर्थन ना मिले तो वहां पर उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति के सीट पर बैठ जाता है और उसके बाद राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति का मनोनीत करता है
Comments
Post a Comment