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Showing posts from June, 2020

चीनी मोबाइल एप्प के लिस्ट । List of chinese Mobile App

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भारत तथा चीन के बीच तनाव के कारण हाल ही में हिंसक घटनाओं हुई। जिसके कारण भारतवाशी ने राष्टवाद की भावना के कारण चीनी चीजो को बहिष्कार कर रहे हैं। उनमें से कुछ ऐसे मोबाइल एप्प है जिसका फाउंडर चीन है अर्थात इस app को भी अनइंस्टाल कर दे:- TikTok, Vault-Hide, Vigo Video, Bigo Live, Weibo, Helo, LIKE, Kwai, VIVA vedio WeChat, SHAREit, UC News, UC Browser BeautyPlus, Xender, ClubFactory,  ROMWE, SHEIN, NewsDog, Photo Wonder APUS Browser, VivaVideo- QU Video Inc Perfect Corp, CM Browser, Virus Cleaner (Hi Security Lab) Mi Community, DU recorder, YouCam Makeup Mi Store, 360 Security, DU Battery Saver, DU Browser DU Cleaner, DU Privacy, Clean Master – Cheetah CacheClear DU apps studio, Baidu Translate, Baidu Map Wonder Camera, ES File Explorer,  QQ International QQ Launcher, QQ Security Centre, QQ Player, QQ Music QQ Mail, QQ NewsFeed,  WeSync, SelfieCity,  Clash of Kings Mail Master, Mi Video call-Xiaomi,  Parallel Space

LOC और LAC में अंतर । difference between LOC and LAC

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LOC क्या है? LOC या Line Of Control  एक लाइव लाइन है यह सीमा स्पष्ट रूप से मिलिट्री द्वारा सीमांकित है. यह सीमा जम्मू और कश्मीर के कुछ हिस्सों को भारत और पाकिस्तान के बीच बांटती है.     LOC की कुल लंबाई लगभग 776 किलोमीटर है जो कि पाकिस्तान द्वारा 1947  से कब्ज़ा ली गयी थी.   LOC का भारतीय भाग (दक्षिणी और पूर्वी भाग) जम्मू और कश्मीर के रूप में जाना जाता है  जो कश्मीर का लगभग 45 प्रतिशत हिस्सा है. LOC से पाकिस्तान की सेना द्वारा भारत में आतंकी भेजे जाते हैं.यही कारण है कि LOC पर भारत और पाकिस्तान की सेना आमने सामने कहदी रहती है. LAC क्या है?:- LAC पर कोई स्पष्ट सीमांकन नहीं है, यही कारण है कि दोनों देशों के बीच गतिरोध कई बार हुआ है;   इसके उदाहरण; 2017 में डोकलाम, 2014 में चुमार, 2013 में डेपसांग पर विवाद हो चुका है. LAC वास्तविक नियंत्रण रेखा है जो चीन और भारत के बीच की सीमा है.  "वास्तविक नियंत्रण रेखा" (Lines of Actual Control) की अवधारणा 1993 में एक भारत-चीन समझौते में आई थी ,  हालांकि इन दोनों देशों के बीच जमीनी स्थिति पर कोई ठोस समझौता नहीं हुआ था. इसी कारण इन दोनों

भारत सरकार पर कितना कर्ज है? जनिए

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भारत सरकार 2010-11 से ही status paper on government debt  प्रकाशित कर रही है। सरकारी ऋण पर वार्षिक स्थिति पत्र  जो का एक विस्तृत विश्लेषण प्रदान करता है सरकार की कर्ज की स्थिति कर्ज के अलावा केंद्र सरकार की स्थिति, स्थिति पत्र राज्य सरकार और सामान्य सरकार शामिल हैं। हाल में ही प्रकाशित स्टेटस रिपोर्ट ऑन गवर्मेंट डेब्ट रिपोर्ट के अनुसार  मार्च 2019 तक देश का कुल  सार्वजनिक ऋण , कुल जीडीपी के 68.8% हो गया है । दरअसल दुनिया के सभी देश अपने विकास बक लिए ऋण लेते है जैसे अमेरिका , ब्रिटैन, जापान।  इन कर्ज के उद्देश्य भी नागरिकों के कल्याण के लिए ही लिये जाते है जैसे भारत सरकार प्रत्येक वर्ष घटा के बजट पेश करती है अर्थात भारत सरकार के खर्चे  कुल आमदनी से ज्यादा होती हैं। विश्व बैंक के अनुसार कोई देश अपने जीडीपी के 77% ज्यादा के ऋण लेता है तो उसकी आर्थिक विकास दर में 1.7% की कमी आ जाती हैं। इन कर्ज लेने के मामले में कुछ देश इस प्रकार है:- जापान- यह अपने जीडीपी के 238% ऋण ले चुका है। अमेरिका- अपने जीडीपी के 106% ऋण ले चुका है ब्राजील - अपना कुल जीडीपी के 68.5% ऋण लिया हुआ है। भारत- हमारा भ

बिहार में रोजगार के लिए 10 लाख रुपये देगी सरकार, जानिए क्या हैं शर्तें & योग्यता

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बिहार उद्योग विभाग कुशल श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने को अब मुख्यमंत्री कामगार उद्यमी सह रोजगार सृजन योजना शुरू कर रहा है।  इस योजना के साथ लोन पर  रुपए मिलेगा, स्वयं सहायता समूह की तर्ज पर काम करेंगे। इसके तहत कुशल श्रमिक समूहों को भवन और कार्यशील पूंजी के लिए राज्य सरकार 10 लाख तक की राशि उपलब्ध कराएगी।  हर समूह में कम से कम 10 कुशल श्रमिक शामिल होंगे। इस 10 लोगो के का समूह उन्ही लोगो को बनाया जाएगा जो एक ही प्रकार का काम करते है। इस योजना में जुड़ने वाले को कम से कम 1 साल का अनुभव या प्रशिक्षण जरूरत है, आगे चलकर उन्हें सरकारी psu से जोड़ा जाएगा तथा उसके साथ प्रशिक्षण भी मिलेगा।   ताकि उनको दीर्घकालीन सहायता प्रदान की जा सके। प्रत्येक जिले में दो CFC बनाया जायेगा:- read below:- इस योजना में जुड़े लोगों को हैंडहोल्डिंग करने के लिए 2020-21 तक राज्य के प्रत्येक जिले में कम से कम 2 commom facillitate centre का निर्माण किया जायेगा जिससे  जीएम डीआईसी को किश्तों में राशि दी जाएगी। इसके लिए 4 करोड़ रुपए की राशि का बजटीय प्रावधान किया गया है।लोन बैंकों से प्रधानमंत्री एमएसएमई योजना

विश्वविद्यालय अब एक जुलाई से पहले भी करा सकेंगे परीक्षा, यूजीसी ने संस्‍थानों पर छोड़ा फैसला

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अनलॉक-1 के बाद विश्वविद्यालयों में अब एक जुलाई से पहले ही परीक्षाएं कराने को लेकर हलचल तेज हो गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने फिलहाल इसे लेकर विश्वविद्यालयों को फ्री-हैंड दे दिया है। यानी अब वह कोविड-19 के संक्रमण की स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए अपने स्तर पर परीक्षाएं कराने का प्लान तैयार कर सकेंगे। यह एक जुलाई से पहले भी हो सकता है और जुलाई के बाद भी हो सकता है। परामर्श से ही कोई फैसला  Read more below मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और गुजरात सहित कई राज्यों में विश्वविद्यालयों ने जून से ही परीक्षाएं शुरू करने का प्लान यूजीसी और राज्य सरकार को दिया है। हालांकि यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों से इस मुद्दे पर राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के परामर्श से ही कोई भी निर्णय करने को कहा है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रखने को कहा यूजीसी के चेयरमैन डॉ. डीपी सिंह के मुताबिक जो एकेडमिक कैलेंडर जारी किया गया था, वह तात्कालिक परिस्थितियों के आकलन के आधार पर तैयार किया गया था। साथ ही इनमें जो भी कहा गया था, वह एक सुझाव था। अब जब अनलाक-1 के बाद सारी गतिविधियां एक-एक कर शुरू हो गई हैं,